बैंकिंग और अर्थव्यवस्था
वित्त मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय के आंकड़े जारी किए गए। यह केंद्र सरकार का एक संशोधित बजट अनुमान है जिसने इस वित्तीय वर्ष के राजकोषीय घाटे का पूर्वानुमान लगाया है जो पिछले अनुमान 6.9% से कम है।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राजकोषीय घाटा 6.71% रहने का अनुमान है, जो पिछले अनुमान 6.9% से कम है। वर्ष 2021-22 के लिए राजस्व घाटा 4.37% अनुमानित किया गया था।
लेखा महानियंत्रक (CGA) द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, पूर्ण रूप से राजकोषीय घाटा 15.86 ट्रिलियन रुपये (अनंतिम) था।
अनंतिम आंकड़ों से यह पता चलता है कि केंद्र सरकार को उच्च कर (+ रु 0.55 ट्रिलियन) और गैर-कर (+ रु 0.34 ट्रिलियन) राजस्व प्राप्तियों और निम्नतर पूंजीगत व्यय (-रु 0.1 ट्रिलियन) से लाभ हुआ।
पिछले वित्तीय वर्ष के लिए, सरकार ने फरवरी 2021 में पेश किए गए बजट में शुरू में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 6.8% पर आंका था।
राजकोषीय घाटा सरकार के कुल राजस्व और कुल व्यय के बीच का अंतर है। यह सरकार द्वारा आवश्यक कुल उधारी का एक संकेत है। कुल राजस्व की गणना करते समय, उधार शामिल नहीं होते हैं।