राष्ट्रीय
उत्तर भारत में पहले औद्योगिक बायोटेक पार्क का उद्घाटन जम्मू और कश्मीर के कठुआ जिले में किया गया था। इसका उद्घाटन जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल और केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने किया था। यह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जैव विविधता, औषधीय और सुगंधित पौधों पर शोध करेगा और यह हरित श्रेणी के व्यवसायों को भी बढ़ावा देगा।
केंद्र शासित प्रदेश के हंदवाड़ा और कुपवाड़ा में 84.66 करोड़ रुपये की लागत से एक और बायोटेक पार्क का निर्माण किया जा रहा है।
नवनिर्मित बायो-टेक पार्क अर्थव्यवस्था को बदल देगा और वैज्ञानिकों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाएगा। यह नवाचार की एक नई लहर को बढ़ावा देगा और स्वास्थ्य और कृषि से लेकर सौंदर्य प्रसाधन और सामग्री तक विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करेगा।
यह बायो-टेक पार्क स्टार्टअप, युवा उद्यमियों और एसएमई को ऐसे उपकरण प्रदान करेगा जो उत्पादन को सस्ता, प्रबंधनीय और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ बना सकते हैं। इसमें एक वर्ष में केंद्र शासित प्रदेश में 25 स्टार्ट-अप का उत्पादन करने की क्षमता है।
यह नए विचारों के उद्भव के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करता है और इस क्षेत्र के कृषि-बागवानी उद्यमियों, स्टार्टअप, शोधकर्ताओं, युवा उद्यमियों और वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण भविष्य की संपत्ति होगी जिसमें पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के आस-पास के राज्य शामिल हैं।