राष्ट्रीय
देश में पहली आत्मानिर्भर 5G कॉल केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव द्वारा की गई थी। 5G नेटवर्क का स्वदेशी रूप से विकसित तकनीक का उपयोग करके IIT मद्रास में स्थापित परीक्षण नेटवर्क पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
यह आत्मानिर्भर सुविधा है क्योंकि संपूर्ण एंड-टू-एंड नेटवर्क भारत में डिज़ाइन और विकसित किया गया है। इसे आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि के अनुसार विकसित किया गया था।
इससे पहले, भारतीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 5G टेस्ट बेड का शुभारंभ किया। इसे IIT मद्रास के नेतृत्व में कुल आठ संस्थानों द्वारा 220 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से एक सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित किया गया था। यह 'टेस्ट बेड' भारतीय उद्योग और स्टार्टअप के लिए एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम करेगा जो उन्हें 5G और अगली पीढ़ी की तकनीकों में अपने उत्पादों, प्रोटोटाइप, समाधान और एल्गोरिदम को मान्य करने में मदद करेगा।
केंद्र सरकार विरासत को बनाए रखने और उन्हें विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित करने के लिए तमिलनाडु के कुछ रेलवे स्टेशनों में 2000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। स्टेशन थे चेन्नई एग्मोर, मदुरै, काटपाडी जंक्शन, रामेश्वरम और कन्याकुमारी।