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केरल की राज्य सरकार ने राज्य भर के सभी भोजनालयों के लिए खाद्य सुरक्षा लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है। इसकी घोषणा राज्य की स्वास्थ्य मंत्री सुश्री वीना जॉर्ज ने खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में चर्चा के बाद की।
कई हिस्सों में फूड पॉइजनिंग की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर यह कदम सभी के लिए भोजन के स्वास्थ्य और स्वच्छता को सुनिश्चित करने के अभियान के तहत उठाया गया है। यह कदम राज्यों में संक्रामक रोग के प्रकोप को रोकने के लिए शुरू किया गया है।
नई अधिसूचना के अनुसार, सभी होटलों, रेस्तरां और भोजनालयों को तीन महीने के भीतर खाद्य सुरक्षा पंजीकरण या लाइसेंस प्राप्त करना होगा और इसे खाद्य सुरक्षा विभाग के टोल-फ्री नंबर के साथ प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा।
इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने के लिए, सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों (FBO) में गुणवत्ता की जाँच पर नियमित निरीक्षण शुरू किया जाएगा और एक प्रणाली विकसित की जाएगी जहाँ जनता तस्वीरों के साथ शिकायतें अपलोड कर सकती है। FBO में होटल, रेस्तरां और भोजनालय शामिल हैं।
जिन दुकानों को बंद करने का नोटिस जारी किया गया था, उन्हें तभी फिर से खोलने की अनुमति दी जा सकती है, जब खाद्य सुरक्षा मानदंडों का बिना किसी असफलता के पालन किया जा रहा हो और यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त अनुवर्ती उपाय किए जाने चाहिए कि अपराध फिर से न हों।
राज्य सरकार ने हाल ही में मिलावटी मछली का निरीक्षण करने के लिए 'नल्ला भक्ष्णम नादिंते अवकसम' (अच्छा खाना लोगों का अधिकार है) नामक अभियान के तहत 'ऑपरेशन मत्स्य' शुरू किया है।