अंतरराष्ट्रीय
देश आर्थिक तनाव के चलते पड़ोसी देश श्रीलंका के लिए राहत सामग्री ले जाने वाला पहला जहाज चेन्नई बंदरगाह से रवाना हुआ। इसकी घोषणा तमिलनाडु की राज्य सरकार ने की थी और मुख्यमंत्री ने इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
45 करोड़ रुपये की लागत से भेजी गई राहत सामग्री में नौ हजार मीट्रिक टन चावल, दो सौ टन मिल्क पाउडर और चौबीस टन आवश्यक दवाएं शामिल हैं। यह तमिलनाडु सरकार द्वारा जुटाए जा रहे 40 हजार मीट्रिक टन चावल, पांच सौ मीट्रिक टन दूध पाउडर और जीवन रक्षक दवाओं का पहला हिस्सा है।
राज्य प्रशासन को नेक काम के लिए इच्छुक जनता से योगदान प्राप्त होता रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा राज्य विधानसभा में एक निजी सदस्य प्रस्ताव लाया गया। पड़ोसी द्वीप देश अब सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 13% राजकोषीय घाटे का सामना कर रहा है।
राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच घनिष्ठ समन्वय के कारण राहत सामग्री का पहला जत्था रवाना किया गया।
श्रीलंकाई सरकार ने ईंधन की घरेलू कीमतों पर भारी सब्सिडी दी और रासायनिक उर्वरकों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसने कृषि क्षेत्र को तबाह कर दिया। देश भोजन, दवाओं से लेकर रसोई गैस तक लगभग हर चीज की कमी का सामना कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप सामाजिक अशांति और राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है।