बैंकिंग और अर्थव्यवस्था
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को एनबीएफसी को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ऋण देने के लिए निरंतर आधार पर उधार देने की अनुमति देने का निर्णय लिया। यह कदम बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी) के बीच विशिष्ट प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ऋण देने के लिए विकसित किए गए तालमेल को जारी रखना सुनिश्चित करता है। यही एनबीएफसी-एमएफआई को आगे उधार देनेवाले छोटे वित्त बैंकों के लिए भी लागू होता है। यह सुविधा पहले 31 मार्च 2022 तक के लिए दी गई थी।
प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को आगे उधार देने के लिए आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) सहित एनबीएफसी को बैंक ऋण की अनुमति एक व्यक्तिगत बैंक के कुल प्राथमिकता वाले क्षेत्र के ऋण के 5 प्रतिशत की कुल सीमा तक दी जाएगी। एनबीएफसी-एमएफआई और अन्य एमएफआई, जो आरबीआई से मान्यता प्राप्त हैं, को आगे उधार देने के लिए लघु वित्त बैंकों को एक व्यक्तिगत बैंक के कुल प्राथमिकता वाले क्षेत्र के उधार के 10 प्रतिशत की समग्र सीमा तक अनुमति दी जाएगी।
आरबीआई ने यह भी अधिसूचित किया कि छोटे वित्त बैंकों को पंजीकृत एनबीएफसी-एमएफआई और अन्य एमएफआई को उधार देने की अनुमति दी जाएगी, जिनके पास पिछले वित्तीय वर्ष के 31 मार्च तक 500 करोड़ रुपये तक का सकल ऋण पोर्टफोलियो है।