राष्ट्रीय
उत्तर प्रदेश का आगरा सार्वजनिक स्थानों पर इस्तेमाल होने वाला वैक्यूम आधारित सीवर सिस्टम वाला पहला भारतीय शहर बन गया। इसका निर्माण 5 करोड़ रुपये में किया गया था और पांच साल तक की अवधि के लिए नीदरलैंड की एक कंपनी द्वारा इसका रखरखाव और देखभाल की जाएगी।
नगर निगम 'आगरा स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन' ने ताजमहल के पास ऐसे 240 घरों को वैक्यूम बेस्ड सीवर से जोड़ा है जहां पारंपरिक सीवर सिस्टम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। निचले इलाकों में होने के कारण इन घरों को वैक्यूम आधारित सीवर से जोड़ा गया है।
सीवर कनेक्शन का कार्य 100 करोड़ रुपये अनुमानित है और लगभग 60000 घरों को 53 किमी लंबी सीवर लाइन से जोड़ा गया है।
सभी चेंबर भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित सेंसर से लैस हैं, जो चेंबर के क्षेत्र और समस्या को इंगित करने में मदद करेंगे। चोक या कोई अन्य समस्या होने पर वैक्यूम सीवर का सिस्टम अपने आप अलर्ट जारी कर देगा।
अगर आगरा में ट्रायल सफल रहा तो कोच्चि नगर निगम में भी वैक्यूम सीवर का इस्तेमाल किया जाएगा।
वैक्यूम सीवर या न्यूमेटिक सीवर सिस्टम सीवेज को उसके स्रोत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाने की एक विधि है। इस तरह की प्रणाली का उपयोग ट्रेनों, हवाई जहाजों और रेतीली मिट्टी और उच्च भूजल वाले समतल क्षेत्रों में किया जाता है।