राष्ट्रीय
हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) ने महत्वाकांक्षी पर्वतमाला योजना के तहत राज्य में सात रोपवे परियोजनाओं के निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
समझौते पर हस्ताक्षर करने का उद्देश्य रोपवे के माध्यम से पहली और अंतिम मील कनेक्टिविटी में सुधार करना है। राज्य के कांगड़ा, कुल्लू, चंबा, सिरमौर और बिलासपुर जिलों में रोपवे परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा।
नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
रोपवे परियोजनाओं की कुल लंबाई 57.1 किलोमीटर होगी और विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर कुल 3,232 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया जाएगा। यह निर्माण राज्य में पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय, सुंदर, पर्यावरण के अनुकूल और निर्बाध यात्रा अनुभव की सुविधा प्रदान करता है।
सात रोपवे परियोजनाओं में पालमपुर थात्री, शिरगुल महादेव मंदिर से चूधर, लुंहू-बंदला, हिमानी से चामुंडा, बिजली महादेव मंदिर, भरमौर से भरमनी माता मंदिर, किलर से सच दर्रा शामिल हैं।
पर्वतमाला योजना की घोषणा 2022-23 के केंद्रीय बजट में देश के पहाड़ी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार लाने के उद्देश्य से की गई थी।