सूचकांक / रिपोर्ट
हाल ही में, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने दुनिया के सैन्य खर्च पर एक रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में विश्व सैन्य खर्च 2113 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो 2020 की तुलना में 0.7% और 2012 की तुलना में 12% अधिक है। यह पहली बार है, जब दुनिया का सैन्य खर्च दो ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है।
वर्ष 2015 के बाद से, विश्व सैन्य खर्च में लगातार सातवें वर्ष ऊपर की ओर बढौतरी देखी गए है। यहां तक कि कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन ने भी इस प्रवृत्ति को प्रभावित नहीं किया। 2021 में सरकारी खर्च के हिस्से के रूप में औसत सैन्य खर्च 5.9% पर 2020 में समान रहा।
वर्ष 2021 में पांच सबसे बड़े खर्च करने वाले अमेरिका ($801 बिलियन), चीन (293 बिलियन डॉलर), भारत ($76.6 बिलियन), यूनाइटेड किंगडम ($68 बिलियन) और रूस ($66 बिलियन) थे। इन पांच देशों ने दुनिया के खर्च का 62 फीसदी हिस्सा बनाया।
77 अरब डॉलर के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य खर्च वाला देश बन गया। भारत का खर्च 2020 से 0.9% और 2012 से 33% बढ़ा है। उदाहरण के लिए, 2022-2023 के लिए भारत के 5.2 लाख करोड़ रुपये के रक्षा बजट में 33 लाख से अधिक सेवानिवृत्त सैन्य और रक्षा नागरिकों के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये का विशाल पेंशन बिल शामिल है। .
अमेरिका और चीन का वैश्विक सैन्य खर्च में क्रमशः 38% और 14% का योगदान है। चीन का सैन्य खर्च लगातार 27वें साल बढ़ा है। वर्ष 2021 में ईरान का सैन्य बजट चार साल में पहली बार बढ़ा।
दुनिया के देशों के सैन्य खर्च पर स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) की रिपोर्ट के अनुसार;