बैंकिंग और अर्थव्यवस्था
माताओं के लिए यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए एक नई सुविधा ने उत्तर रेलवे द्वारा अपनी एक ट्रेन में प्रायोगिक आधार पर निचली बर्थ में एक फोल्डेबल 'बेबी बर्थ' पेश किया है। प्रायोगिक परीक्षण 'द लखनऊ मेल' ट्रेन पर शुरू हुआ जो लखनऊ से नई दिल्ली की यात्रा करती है। भविष्य में इसे अन्य डिब्बों और अन्य ट्रेनों में भी बढ़ाया जाएगा।
बच्चों को गिरने से बचाने के लिए यह नई पहल शुरू की गई है और इसे स्टॉपर से भी सुरक्षित किया गया है। इस 'बेबी बर्थ' के आने से बच्चे अब अपनी मां के साथ सो सकेंगे।
महिलाओं के लिए पहले से आरक्षित निचली बर्थ को बेबी बर्थ के बगल में रखा गया है ताकि छोटे बच्चे बिना किसी असुविधा के अपनी मां के साथ यात्रा कर सकें। दूध p शिशु के साथ यात्रा करने वाली महिलाएं इस नई सुविधा में सहज महसूस करेंगी।
770 मिमी लंबाई, 255 मिमी चौड़ाई और 76.2 मिमी ऊंचाई की "बेबी बर्थ" ट्रेन में एक कोच के मुख्य बर्थ पर फिट की गई थी।
शिशुओं के लिए आरक्षित सीट के लिए भारतीय रेलवे द्वारा कोई अतिरिक्त किराया नहीं लिया जाएगा। आरक्षण टिकट की बुकिंग के समय पांच साल से कम उम्र के बच्चों का नाम अनिवार्य रूप से भरना होगा और महिलाओं को एक बेबी बर्थ उपलब्ध कराया जाएगा।
नेटिज़न्स ने इस पहल की सराहना की और अन्य ट्रेनों में भी इसे बढ़ाने की मांग की।
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