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'जम्मू और कश्मीर परिसीमन आयोग' ने जम्मू और कश्मीर में नई सीमाओं, नामों और विधानसभा क्षेत्रों की संख्या को अधिसूचित किया। आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई ने की थी। परिसीमन आयोग के आदेश की अधिसूचना भारत के राजपत्र में प्रकाशित की गई थी। आयोग का गठन 2020 में किया गया था और इसे दो बार विस्तारित किया गया था।
'जम्मू और कश्मीर परिसीमन आयोग' ने जम्मू और कश्मीर में नई सीमाओं, नामों और विधानसभा क्षेत्रों की संख्या को अधिसूचित किया। आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई ने की थी। परिसीमन आयोग के आदेश की अधिसूचना भारत के राजपत्र में प्रकाशित की गई थी। आयोग का गठन 2020 में किया गया था और इसे दो बार बढ़ाया गया था।
अक्टूबर 2019 में विशेष दर्जा के बाद यह नया परिसीमन केंद्र शासित प्रदेश में पहली बार विधानसभा चुनावों का मार्ग प्रशस्त करेगा। विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2022 में होने की उम्मीद है।
आयोग ने नई परिसीमन प्रक्रिया में जम्मू के लिए छह और कश्मीर के लिए एक यानि सात अतिरिक्त निर्वाचन क्षेत्रों की सिफारिश की। जम्मू क्षेत्र के छह नए विधानसभा क्षेत्रों के राजौरी, डोडा, उधमपुर, किश्तवाड़, कठुआ और सांबा जिलों से बनने की उम्मीद है।
निर्वाचन क्षेत्रों की कुल संख्या पहले 83 से बढ़ाकर 90 कर दी गई थी। इस नए परिसीमन के साथ, जम्मू और कश्मीर घाटी के लिए सीटों की संख्या क्रमशः 43 और 47 हो गई। आयोग ने अनुसूचित जनजातियों के लिए नौ विधानसभा आरक्षण सीटों की भी सिफारिश की - जम्मू में छह और कश्मीर में तीन। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर सीटों का आवंटन किया गया था।
साथ ही, आयोग ने जम्मू और कश्मीर के बीच क्षेत्रीय अंतर को हटाने और इसे एक के रूप में मानने की सिफारिश की, जैसा कि कश्मीर में अनंतनाग क्षेत्र के साथ जम्मू में राजौरी और पुंछ के संयोजन में परिलक्षित होता है ताकि अनंतनाग-राजौरी को संसदीय क्षेत्र बनाया जा सके।
नई परिसीमन अधिसूचना पर दो अन्य पदेन सदस्यों ने भी हस्ताक्षर किए। वे मुख्य चुनाव आयुक्त श्री सुशील चंद्रा और जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी सुश्री केके शर्मा हैं।
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